Название | रात की रौशनी (रक्त बंधन पुस्तक 2) |
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Автор произведения | Amy Blankenship |
Жанр | Ужасы и Мистика |
Серия | |
Издательство | Ужасы и Мистика |
Год выпуска | 0 |
isbn | 9788835430056 |
स्टीवन ने आज रात उसे न देख पाने पर निराशा महसूस की और यह जानकर संतुष्ट हुआ कि वह सुरक्षित है, और दोनों भावनाएँ उसके सीने में कहीं टकरा गईं। अपना ध्यान बंटाने के लिए वह खड़ा हो गया और कुर्सी को उसी तरह वापस रख दिया जिस तरह से उसने पाया था। "जब हम काम पूरा कर लेंगे तो मैं आ कर आपको बता दूंगा।"
"रुको!" स्टीवन ने दरवाजा खोला तो पुजारी ने उसे पुकारा। "अगर तुम उसे देखो......."
"मैं उसे सीधा तुम्हारे पास भेज दूंगा।" स्टीवन ने वादा किया और बाहर चला गया।
दरवाजा बंद करते हुए, स्टीवन ने अपना सिर हिलाया और नीचे हॉल की ओर चल पड़ा। यह मंजिल साफ थी और कुछ नीचे गिरे उस से पहले उसे निक को साथ लेना ज़रूरी लगा। नीचे जाकर उसने चारों ओर देखा लेकिन निक को कहीं नहीं पाया।
“सब ठीक है, तुम कहाँ चले गए?” स्टीवन बुदबुदाया और बंद दरवाजों के पीछे देखने लगा।
जब उसे तहखाने का दरवाजा अधखुला मिला और उसे निक के विचारों की दिशा का एहसास हुआ तो उसका दिल किया कि वह खुद को पीट डाले। "अंधेरे स्थान, भूमिगत... बकवास!"
जानबूझ कर ज़ोर ज़ोर से पैरों की आवाज़ करते हुए, स्टीवन सीढ़ियों से नीचे उतरा और सीलन की गर्मी में अपनी नाक सिकोड़ी। "लानत हो, यहाँ तो बहुत बदबू है।"
वह एक और खुले दरवाजे के पास पहुंचा और उसमें घुस गया। निक बॉयलर के सामने खड़ा था और उसका दरवाज़ा पूरा खुला हुआ था और वह लोहे की छड़ से आग में किसी चीज़ को खोज रहा था।
"कुछ मिला?" स्टीवन ने पूछा।
जवाब में, निक ने लोहे की छड़ को आग में से निकाला और उसमें एक खोपड़ी के जले हुए अवशेष अटके हुए थे और उस का सिरा उसकी आंख के छेद में अटका हुआ था। "मुझे लगता है कि यह कहना ठीक रहेगा कि लापता व्यक्ति के सूची में से कुछ इंसान जल्द ही नहीं मिलेंगे।"
"मुझे