Название | चौथाई चाँद |
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Автор произведения | Massimo Longo E Maria Grazia Gullo |
Жанр | Зарубежное фэнтези |
Серия | |
Издательство | Зарубежное фэнтези |
Год выпуска | 0 |
isbn | 9788835423546 |
उसने उन्हें मुंह भी नहीं धोने दिया।
"तुम्हारी माँ ने और मैंने मिल कर फैसला किया है कि तुम लोग गर्मियों में क्या करने जा रहे हो। स्कूल शुक्रवार को बंद होंगे और रविवार की सुबह तुम लोग अपना सामान पैक कर के ट्रेन के स्टेशन पर नज़र आओगे!"
"लेकिन समर कैंप अभी एक-दो हफ्तों तक शुरू नहीं होगा!" गाइया ने चिंतित होकर अपनी माँ की ओर देखते हुए पूछा, जो रसोई के दरवाजे पर खड़ी देख रही थी कि गलियारे में क्या चल रहा है।
“दरअसल इस बार तुम समर कैंप नहीं जाओगी,” ज्यूलिया ने जवाब दिया, तो गाइया का डर सच साबित हो गया। “हम ने सोचा कि हम तुम्हें पुराने जमाने की तरह गरमियाँ बिताने का एक मौका दें; जैसे कभी हम बिताया करते थे, जब हम तुम्हारी उम्र के थे।”
“इसका क्या मतलब हुआ?” गाइया ने पूछा, जबकि एलियो अपने चेहरे पर मनहूसियत सजाए खामोश बैठा रहा।
“तुम बाहर जा सकती हो, अपनी सांस फूलने तक खेतों में भाग सकती हो, तालाबों में तैर सकती हो और अपनी गर्मियों की रातों में स्थानीय मेलों की सैर कर सकती हो।” कार्लो ने अपनी बेटी को समझाया।
गाइया ने देखा, उसके माता-पिता एक दूसरे को देख कर हँस रहे थे, और फौरन ही उसे खयाल आया कि वे मज़ाक कर रहे होंगे।
“मज़ाक मत कीजिये, आज आप लोगों को हुआ क्या है?”
“यह मज़ाक नहीं है। इडा बुआ ने तुम लोगों को इन गर्मियों में अपने यहाँ आने का निमंत्रण दिया है।” आखिरकार कार्लो ने अपने बच्चों पर रहस्य खोल दिया, जो उस की ओर शक भरी नज़रों से देख रहे थे।
“यह एक बुरा सपना है। मैं दोबारा सोने जा रही हूँ!” गाइया ने कहा, जो देखने में ही नाराज़ लग रही थी।
“मुझे लगा था कि तुम खुश होगी।” उसके पिता ने कहा।
“खुश? मैं ने पहले ही अपने दोस्तों से बता दिया था! मैं ने पूरी सर्दियों इंतज़ार किया है!”
“गाइया, तुम बुआ के यहाँ भी दोस्त बना लोगी।” जूलिया ने उसे प्रोत्साहित किया।