वरध तकत. Aldivan Teixeira Torres

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Название वरध तकत
Автор произведения Aldivan Teixeira Torres
Жанр Биографии и Мемуары
Серия
Издательство Биографии и Мемуары
Год выпуска 0
isbn 9788873047537



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चाहता हूँ। मैं फिर से चलना शुरू करता हूँ और सजग रहता हूँ और खुद को दूसरे जालों से बचाता हूँ। आर्द्रता कम होती है और हवा चल रही है और मैं खुद को ज्यादा सुखद महसूस कर रहा हूँ। मैं संरक्षक द्वारा भेजे गए सकारात्मक विचारों की लहर को महसूस करता हूँ। गुफा और अंधेरी हो होती है, और खुद को बदलती है। सामने एक आभासी भूलभुलैया दिखती है। गुफा का एक और जाल। भूलभुलैया का प्रवेश द्वार पूरी तरह से दिख रहा है। लेकिन निकास द्वार कहाँ है? मैं कैसे प्रवेश करूँ और गुम ना हो जाऊं? मेरे पास केवल एक विकल्प है: भूलभुलैया को पार करूँ और खतरा उठाऊं। मैं अपना साहस बंधाता हूं और भूलभुलैया के प्रवेश की तरफ अपना पहला कदम उठाता हूँ। पाठको, प्रार्थना करें कि मुझे निकास मिल जाए। मेरे दिमाग में कोई योजना नहीं है। मुझे लगता है इस उलझन से बाहर निकलने के लिए मुझे अपनी बुद्धिमता का इस्तेमाल करना होगा। मैं भूलभुलैया के मुहाने में जाता हूँ। अंदर में तो यह बाहर से भी ज्यादा भ्रामक लग रहा है। इसकी दीवारें चौडी हैं और मोड़ टेढ़े मेढ़े। मैं जीवन में उन पलों को याद करने की कोशिश करता हूँ जहां मैंने खुद को खोया हुआ पाया जैसे भूलभुलैया में। मेरे पिता की मृत्यु, जब मैं बहुत ही छोटा था मेरे लिए बहुत ही धक्का देने वाली थी। वह समय जब मैं बेरोजगार था और पढाई भी नहीं कर रहा था तब मुझे लगा था कि मैं किसी भूलभुलैया में खोया हुआ हूँ। मैं अभी भी वैसी ही परिस्थिति में हूँ। मैं चलता गया और ऐसा लगा की इस भूलभुलैया का कोई अंत नहीं है। क्या आपने कभी मायूस महसूस किया है? मुझे ऐसा ही लगा रहा था, पूरी तरह मायूस। इसी वजह से इस गुफा का नाम निराशा की गुफा है। मैं अपनी बची ख़ुची ताकत जुटाकर खड़ा हुआ। मुझे किसी भी कीमत पर बाहर जाने का रास्ता ढूंढना था। मुझे आखिरी विचार आया; मैंने ऊपर