एक मोहक चुम्बन. Amanda Mariel

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Название एक मोहक चुम्बन
Автор произведения Amanda Mariel
Жанр Исторические любовные романы
Серия
Издательство Исторические любовные романы
Год выпуска 0
isbn 9788835432913



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बारे में

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      समर्पण

      यह पुस्तक उन सभी के लिए है जिन्हें भिन्न होने के लिए अन्याय सहना पड़ा है या अत्याचार का सामना करना पड़ा है। संसार को और अधिक दयालुता की आवश्यकता है-आइए, इसका आरंभ हम स्वयं से करें और पूरे विश्व में इसे प्रसारित करें।

      प्रस्तावना

       फ़्रांस, 1605

      आटा गूँधते हुए मुआह माँ और लिली की तरफ देखकर मुस्कुराई। वे दोनों उसके सामने वाले काउन्टर पर खड़ी हुई अपने-अपने गिलगिले आटे को गूँध रही थीं। लिली के गालों पर सूखे आटे की एक लकीर थी, जबकि माँ के एप्रन पर उनके हाथों के निशान थे। मुआह ने कल्पना की कि वह भी अजीब दिख रही होगी क्योंकि जब पकाने का काम खत्म हो जाता था, वह हमेशा अजीब दिखती थी। “आज कितनी ब्रेड बनानी है?”

      “ज़्यादा नहीं। छः काफी होनी चाहिए।“ माँ ने अपने आटे को पलटा और दोबारा मुट्ठियों से कुचल कुचल कर गूँधने लगीं। “हमारे पास चार ब्रेड के ऑर्डर हैं। दो हवेली के लिए, और एक-एक सराय और मिसेज़ मुहो के लिए। एक-दो ज़्यादा बनाकर तैयार रखना अच्छा होता है।“

      रसोई की गर्मी से मुआह के माथे पर पसीने की बूंदें आ गई थीं, लेकिन उसने उन्हें पोंछने की हिम्मत नहीं की। आटे को गूँधते-गूँधते उसने एक तेज़ साँस छोड़ी, फिर खिड़की के बाहर नज़र डाली। आसमान में सूरज चढ़ आया था और गाँव पर तेज़ी से चमक रहा था।

      “तुम्हें शिकायत नहीं करनी चाहिए मुआह।“ लिली ने माथे से एक लट हटाई जिससे उसके माथे पर सफ़ेद पाउडर की एक और लकीर खिंच गई। “हम खुशकिस्मत हैं कि गाँव के इतने सारे लोग हमारी बेकरी से सामान खरीदते हैं।“

      “मैं शिकायत नहीं कर रही थी।“ मुआह ने अपनी जुड़वाँ बहन की तरफ देखा। “केवल एक सवाल पूछ रही थी।“

      फ्रांस उसे रास आया था- उन सभी को। स्कॉटलैंड से फरार होने के बाद के वर्षों में उन्होंने यहाँ एक आरामदायक घर बना लिया था और एक स्थिर आय का साधन भी। दा के पास अपनी लोहार की दुकान थी और ऐलिस आंटी, जो सालों पहले उनकी माँ बन गई थीं, अपनी ब्रेड और पेस्ट्रीज़ बेच कर घर की आमदनी में सहयोग करती थीं।

      और तो और, जब वे यहाँ आ कर बसे, तब से गाँव वाले भी उनके प्रति दयालु और दरियादिल रहे थे। इतने सालों में उनके कई दोस्त भी बन गए थे। यहाँ तक कि मुआह ने तो गाँव के नौजवानों में से एक के साथ डेटिंग भी शुरू कर दी थी। बस्चियाँ रूह ने मुआह के घर आना-जाना एक हफ्ते पहले शुरू किया था और मुआह ने पाया कि वह इस सुंदर नौजवान के प्रति काफी आकर्षित थी।

      ज़ाहिर है उसे प्यार नहीं हुआ था, लेकिन उसका मानना था कि समय के साथ उनके बीच यह भावना भी पनप सकती है। इस विचार से उसके होंठ एक हल्की मुस्कान में फैल गए। “बल्कि मुझे तो बहुत सुखी महसूस होता है।“

      मुआह ने अपने गूँथे हुए आटे हो एक तरफ रखा तथा और सूखा आटा लेने के लिए हाथ बढ़ाते हुए लिली की तरफ त्योरियाँ चढ़ाईं। “मैं उम्मीद करती हूँ कि हमें फ्रांस कभी न छोड़ना पड़े।“

      “सचमुच।” लिली के चेहरे का भाव एक पल के लिए गड़बड़ाया, और उसका खुशमिज़ाज अंदाज़ कटु हो गया। “भूल जाओ मैंने कुछ कहा था।“

      मुआह अपने अंदर फैलती संतुष्टि के साथ हँसी। लेकिन उसकी जगह तुरंत चिंता ने ले ली। लिली के गड़बड़ाने से उसे याद आया कि सब कुछ ठीक नहीं था।

      लिली आजकल बहुत तनाव में रहती थी, घबराहट की शिकायत करती थी और गाँव में धीरे-धीरे फैलते हुए डर का दावा करती थी, और मुआह खुद भी इनकार नहीं कर सकती थी कि उसके खुद के आभास बढ़ गए थे। इसी तरह लड़कियों के भाई, समुएल और लैखलेन को भी बेचैनी भरे अनुभव हो रहे थे।

      लैखलेन अपनी शक्तियों के बारे में कभी ज़्यादा बात नहीं करता था, हालांकि कुछ दिनों से वह और भी ज़्यादा चुपचाप रहने लगा था, जो मुआह को ठीक नहीं लग रहा था। समुएल सारे बच्चों में सबसे ज़्यादा चिंताजनक था। वह परिवार को ज़ोर दे कर फ्रांस छोड़ने के लिए कहता था, लेकिन अपनी इस ज़िद के पीछे कोई कारण नहीं बता पाता था।

      किस कदर मुआह यह जानने के लिए बेचैन थी कि क्या चल रहा है।

      पिछले हफ्ते में उसे तीन आभास हुए थे, लेकिन कुछ समझ में नहीं आया। पहले दो तो तेज़ी